Summary of Father's Help by R.K Narayan
Swami is the main character in the
story. He studies at Albert Mission School. Swami is not ready to go to school.
So he finds excuses not to go to school. Swami decided on Monday morning that
he would not go to school. He lies that he has a headache. His mother also
supports him. But his father is a strict man. He does not fall into this lie so
easily. So he scolds her for lying and asks her to get ready for school. Then
Swami does another trick. He says that it is his arithmetic teacher, Samuel who
always scolds late-arriving students. So he does not want to go so late.
But
Swami's father is firm in his decision and tells him that he will write a
letter. He has written a letter to the headmaster. He gives it to Swami to
give. However, Swamy has made a false statement against Samuel. His conscience
bothers him when he is on his way to school. He feels that he is the worst boy
in the world. Samuel is not a rigid teacher. In fact, he is quite gentle and
kind.
After reaching school, Swami found the teacher more talented and kind than ever. But the teacher did not scold him. Swami instigates his teacher so that he is angry. Swami does not know to give a letter to his headmaster as he is on leave. Swami returns home with that letter. But Swami's father takes the letter from him and tore it up.
There
are three persons in the story - Swami, his father, and Samuel, his teacher. At
the beginning of the story, Swami wrongly accuses Samuel. But in the end, Swami
blames himself.
RK
Narayan has beautifully portrayed the character of Samuel. Samuel is a good,
gentle, and kind teacher. This is exactly the opposite of what Swami has told
his father. He has a dark face, thin mustache, rough cheeks, and a yellow coat.
He represents a good teacher.
Summary of Father's Help by R.K Narayan in Bangali
একটি প্রশংসা
গল্পটিতে তিন জন
ব্যক্তি রয়েছেন - স্বামী, তাঁর বাবা এবং স্যামুয়েল, তাঁর শিক্ষক। গল্পের শুরুতে,
স্বামী
স্যামুয়েলকে ভুলভাবে অভিযুক্ত করেছিলেন। তবে শেষ পর্যন্ত স্বামী নিজেকেই দোষ
দিয়েছেন।
আর কে নারায়ণ
সুন্দরভাবে শমূলের চরিত্রটি ফুটিয়ে তুলেছেন। স্যামুয়েল একজন ভাল, নম্র ও দয়ালু শিক্ষক। স্বামী তাঁর বাবাকে যা বলেছেন তা ঠিক
এর বিপরীত। তার গা dark় মুখ,
পাতলা গোঁফ, রুক্ষ গাল এবং হলুদ রঙের জামা। তিনি একজন ভাল শিক্ষকের
প্রতিনিধিত্ব করেন।
Summary
of Father's Help by R.K Narayan in Hindi
स्वामी कहानी में मुख्या किरदार है । वह
अल्बर्ट मिशन स्कूल में पढता है। स्वामी स्कूल जाने को तैयार नहीं हैं। इसलिए वह स्कूल न
जाने के लिए बहाने ढूंढता है। स्वामी ने सोमबार की सुबह फैसला लिया की वह
स्कूल नहीं जाएगा । वह झूठ बोलत है की उसे सिरदर्द है। उनकी मां भी उनका समर्थन
करती हैं। लेकिन उनके पिता एक सख्त व्यक्ति हैं। वह इतनी आसानी से इस झूठ मे नहीं
आते है। इसलिए वह उसे झूठ बोलने के लिए डाटते है
और उसे स्कूल के लिए तैयार होने के लिए कहते
है। फिर स्वामी एक और चाल चलता है ।
वह कहता हैं कि यह उनके अंकगणित शिक्षक,
शमूएल है जो हमेशा देर से आने वाले
छात्रों को डांटते हैं। इसलिए वह इतनी देरी से नहीं जाना चाहता ।
एक प्रशंसा
कहानी में तीन व्यक्ति हैं - स्वामी, उनके पिता और शमूएल, उनके शिक्षक। कहानी
की शुरुआत में, स्वामी ने शमूएल पर गलत
आरोप लगाया। लेकिन आखिर में, स्वामी अपने आप को दोषी
मानता है।
आर.के.नारायण ने सैमुअल के चरित्र को
खूबसूरती से चित्रित किया है। शमूएल एक अच्छा,
सौम्य और दयालु शिक्षक है। स्वामी ने
अपने पिता से जो कहा है, वह उसके ठीक विपरीत है। उसके पास एक अंधेरा चेहरा, पतली मूंछें, अनगढ़ गाल और एक पीला
कोट है। वह एक अच्छे शिक्षक का प्रतिनिधित्व करता है।