Class 10 Economics Chapther-1 Notes (विकास) in English and hindi

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 📚 अध्याय - 1 📚

👉 विकास 👈




️ अर्थशास्त्र :- 

🔹 एक ढाँचा जिसके अन्तर्गत लोगों की आर्थिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है ।

️ Economics :- A framework under which the economic activities of the people are studied.

आर्थिक विकास :- एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक अर्थव्यवस्था की वास्तविक ' प्रति व्यक्ति आय ' दीर्घ अवधि में बढ़ती है ।

Economic growth is a process by which the real 'per capita income' of an economy increases over a long period of time.

विकास :-



🔹 विकास के लक्ष्य विभिन्न लोगों के लिये विभिन्न हो सकते हैं। हो सकता है कि कोई बात किसी एक व्यक्ति के लिये विकास हो लेकिन दूसरे के लिये नहीं। उदाहरण के लिये किसी नये हाइवे का निर्माण कई लोगों के लिये विकास हो सकता है। लेकिन जिस किसान की जमीन उस हाइवे निर्माण के लिये छिन गई हो उसके लिये तो वह विकास कतई नहीं हो सकता।

The goals of development can be different for different people. Maybe something is development for one person but not for another. For example, the construction of a new highway can be a development for many people. But for the farmer whose land has been snatched away for the construction of that highway, then that development cannot happen at all.

🔹 विभिन्न लोगों के लिये विकास की विभिन्न आवश्यकताएँ हो सकती हैं। किसी भी व्यक्ति की जिंदगी की परिस्थिति इस बात को तय करती है उसके लिये किस प्रकार के विकास की आवश्यकता है। इसे समझने के लिये दो लोगों का उदाहरण लेते हैं।

Different people may have different development needs. The circumstance of any person's life decides what kind of development is needed for him. To understand this let us take the example of two people.

👉  एक व्यक्ति ऐसे गाँव में रहता है जहाँ से किसी भी जगह के लिये बस पकड़ने के लिये पाँच किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। यदि उसके गाँव तक पक्की सड़क बन जाये और उसके गाँव तक छोटी गाड़ियाँ भी चलने लगें तो यह उसके लिये विकास होगा। 

A man lives in a village from where he has to walk five kilometers to catch a bus to any place. If a pucca road is built up to his village and even small vehicles start plying till his village, then it will be development for him.

👉 एक अन्य व्यक्ति दिल्ली राजधानी क्षेत्र की बाहरी सीमा पर रहता है। उसे अपने दफ्तर जाने के लिये पहले तो पैदल एक किलोमीटर चलकर ऑटोरिक्शा स्टैंड तक जाना होता है। उसके बाद ऑटोरिक्शा पर कम से कम एक घंटे की सवारी के बाद वह मेट्रो स्टेशन पहुँचता है। उसके बाद मेट्रो में एक घंटा सफर करने के बाद वह अपने ऑफिस पहुँच पाता है। यदि मेट्रो रेल की लाइन उसके घर के आस पास पहुँच जाये तो यह उस व्यक्ति के लिये विकास होगा।

Another person lives on the outskirts of Delhi Capital Region. To reach his office, he has to walk one kilometer on foot to the autorickshaw stand. He then reaches the metro station after at least an hour's ride on an autorickshaw. After that, after traveling for an hour in the metro, he is able to reach his office. If the metro rail line reaches near his house, then it will be development for that person.

🔹 ऊपर दिये गये उदाहरण ये बताते हैं कि विकास के अनेक लक्ष्य हो सकते हैं। लेकिन नीति निर्धारकों और सरकार को विकास के ऐसे लक्ष्य बनाने होते हैं जिससे अधिक से अधिक लोगों को फायदा पहुँच सके।

The above examples show that development can have many goals. But the policy makers and the government have to make such development goals which will benefit maximum number of people.

️ आय और अन्य लक्ष्य : - 

️ Income and other goals :-

🔹 ज्यादा आय , बराबरी का व्यवहार , स्वतंत्रता , काम की सुरक्षा , सम्मान व आदर , परिवार के लिए सुविधाएँ , वातावरण आदि , राष्ट्रीय विकास की धारणाएँ निम्नलिखित हैं :-

More income, equal treatment, freedom, security of work, honor and respect, facilities for family, environment etc. The following are the concepts of national development :-

👉 विश्व बैंक की विश्व विकास रिपोर्ट 2006 के अनुसार , " 2004 में प्रतिव्यक्ति आय जिन देशो में 453000 रूपये प्रति वर्ष या उससे अधिक है वह समृद्ध या विकसित राष्ट्र कहलाते है ।जिनकी आय 37000 रूपये प्रति वर्ष या उससे कम है वह विकासशील / निम्न आय वाले देश कहलाते हैं ।

According to the World Bank's World Development Report 2006, "Countries having per capita income of Rs 453000 per year or more in 2004 are called rich or developed nations. Those whose income is Rs 37000 per year or less are developing / low income countries. countries are called.

👉  यू . एन . डी . पी . द्वारा प्रकाशित मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार , “ राष्ट्रीय विकास का अनुमान लोगों के शैक्षिक स्तर , उनकी स्वास्थय स्थिति तथा प्रति व्यक्ति आय के आधार पर होता है । 


You . N. D . P . According to the Human Development Report published by, “National development is estimated on the basis of the educational level of the people, their health status and per capita income.


️ विकास के लक्ष्य :- ️ Development Goals :-

प्रति व्यक्ति आय :-  Per Capita Income :-

🔹
जब देश की कुल आय को उस देश की जनसंख्या से भाग दिया जाता है तो जो राशि मिलती है उसे हम प्रति व्यक्ति आय कहते हैं। वर्ष 2006 की विश्व विकास रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रति व्यक्ति सालाना आय 28,000 रुपये है।

When the total income of the country is divided by the population of that country, then the amount we get is called per capita income. According to the 2006 World Development Report, the annual per capita income in India is Rs 28,000.

सकल राष्ट्रीय उत्पाद :-️ Gross National Product :- 


🔹
किसी देश में उत्पादित कुल आय को सकल राष्ट्रीय उत्पाद कहते हैं। सकल राष्ट्रीय उत्पाद में हर प्रकार की आर्थिक क्रिया से होने वाली आय की गणना की जाती है।

The total income produced in a country is called Gross National Product. The income from each type of economic activity is counted in the Gross National Product.

सकल घरेलू उत्पाद :-Gross Domestic Product :-

🔹
किसी देश में उत्पादित कुल आय में से निर्यात से होने वाली आय को घटाने के बाद जो बचता है उसे सकल घरेलू उत्पाद कहते हैं।

After deducting the income from exports from the total income produced in a country, what is left is called Gross Domestic Product.

शिशु मृत्यु दर :-Infant Mortality Rate :- 


🔹
हर 1000 जन्म में एक साल की उम्र से पहले मरने वाले बच्चों की संख्या को शिशु मृत्यु दर कहते हैं। यह आँकड़ा जितना कम होगा वह विकास के दृष्टिकोण से उतना ही बेहतर माना जायेगा। शिशु मृत्यु दर एक महत्वपूर्ण पैमाना है। इससे किसी भी क्षेत्र में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और गुणवत्ता का पता चलता है। सन 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में शिशु मृत्यु दर 30.15 है। इससे यह पता चलता है कि भारत में आज भी स्वास्थ्य सेवाएँ अच्छी नहीं हैं।

The number of children who die before the age of one year in every 1000 births is called infant mortality rate. The lower this figure, the better it is considered from the point of view of development. Infant mortality rate is an important parameter. This gives an idea of ​​the availability and quality of health services available in any given area. According to the 2011 census, the infant mortality rate in India is 30.15. This shows that even today health services in India are not good.

पुरुष और महिला का अनुपात :-Ratio of male and female :-

🔹
प्रति हजार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या को लिंग अनुपात कहते हैं। यदि यह आँकड़ा कम होता है तो इससे यह पता चलता है कि उस देश या राज्य में महिलाओं के खिलाफ कितना खराब माहौल है। भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार प्रति हजार पुरुषों की तुलना में केवल 940 महिलाएँ हैं।

The number of females per thousand males is called sex ratio. If this figure is less then it shows how bad the environment is against women in that country or state. According to the 2011 census, there are only 940 females per thousand males in India.

जन्म के समय संभावित आयु :-Expected age at birth :- 


🔹
एक औसत वयस्क अधिकतम जितनी उम्र तक जीता है उसे संभावित आयु कहते हैं। सन 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में पुरुषों की संभावित आयु 67 साल है और महिलाओं की संभावित आयु 72 साल है। इससे देश में व्याप्त जीवन स्तर का पता चलता है। यदि किसी देश में मूलभूत सुविधाएँ बेहतर होंगी, अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएँ होंगी और लोगों की आय अच्छी होती तो वहाँ संभावित आयु भी अधिक होगी। दूसरे शब्दों में वहाँ एक औसत वयस्क लंबी जिंदगी जिएगा।

The maximum age that an average adult can live is called the expected age. According to the 2011 Census, the probable age of males in India is 67 years and that of females is 72 years. This shows the standard of living prevailing in the country. If a country has better basic facilities, good health facilities and people have good income, then the potential life expectancy there will also be higher. In other words, there an average adult will live a long life.

साक्षरता दर :- 7 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों में साक्षर जनसंख्या का अनुपात को साक्षरता दर कहते हैं । निवल उपस्थिति [ अनुपात : 6-10 वर्ष की आयु के स्कूल जाने वाले कुछ बच्चों का उस आयु वर्ग के कुल बच्चों के साथ प्रतिशत उपस्थिति अनुपात कहलाता है । 

Literacy Rate:  The ratio of the literate population to the people of the age of 7 years and above is called the literacy rate. Net Attendance [ Ratio: The percentage of some school-going children in the age group of 6-10 years with the total children in that age group is called the attendance ratio.

️ राष्ट्रीय आय :- 

🔹
देश के अंदर उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य तथा विदेशों से प्राप्त आय के जोड को राष्ट्रीय आय कहते है ।

️ National Income :-

National income is the sum of all the goods and services produced within the country and the income received from abroad.


️ बी . एम . आई :- 

🔹
शरीर का द्रव्यमान सूचकांक पोषण वैज्ञानिक , किसी व्यस्क के अल्पपोषित होने की जाँच कर सकते हैं । यदि यह 18.5 से कम है तो व्यक्ति कुपोषित है अगर 25 से ऊपर है तो वह मोटापे से ग्रस्त हैं ।

️ B. M . I :-

Body Mass Index Nutrition scientists can test whether an adult is undernourished. If it is less than 18.5 then the person is malnourished, if it is above 25 then he is obese.


आधारभूत संरचना :- 

🔹
आधारभूत संरचना किसी देश की अर्थव्यवस्था के लिये रीढ़ की हड्डी का काम करती है। सड़कें, रेल, विमान पत्तन, पत्तन और विद्युत उत्पादन किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की जान होते हैं। अच्छी आधारभूत संरचना से आर्थिक गतिविधियाँ बेहतर हो जाती हैं जिससे हर तरफ समृद्धि आती है।

️ Infrastructure :-

Infrastructure acts as the backbone for the economy of a country. Roads, railways, airports, ports and power generation are the lifeblood of the economy of any country. Economic activities get better with good infrastructure which brings prosperity everywhere.


️ मानव विकास सूचकांक :- 

🔹
आय व अन्य कारकों की समाकेतिक सूची इसके आधार पर किसी देश को उसकी गुणवत्ता के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है । यह विभिन्न देशों में विकास के स्तर का मूल्यांकन करने का मापदंड है । इसमें देशों की तुलना लोगों के शैक्षिक स्तर , स्वास्थ्य स्थिति और प्रति व्यक्ति आय के आधार पर होती है ।

️ Human Development Index:-

Integrated list of income and other factors On the basis of this, a country is classified on the basis of its quality. It is a criterion to assess the level of development in different countries. In this, countries are compared on the basis of people's educational level, health status, and per capita income.



विकास के जरूरी लक्ष्यों का मिश्रण :-️ Combination of essential goals of development :-

ऊपर दी गई लिस्ट को परिपूर्ण नहीं माना जा सकता है। लेकिन इस लिस्ट में दिये गये लक्ष्य अन्य लक्ष्यों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण हैं। इन लक्ष्यों के द्वारा कई अन्य लक्ष्यों की प्राप्ति होती है।

राज्य

प्रति व्यक्ति आय (2003)

शिशु मृत्यु दर (2003)

साक्षरता दर (2001)

कक्षा 1 से 4 तक निवल उपस्थिति अनुपात (1995 – 96)

पंजाब

26000

49

70

81

केरल

22800

11

91

91

बिहार

5700

60

47

41


🔹 इस टेबल में दिये गये आँकड़े विकास के कुछ रोचक पहलुओं को दिखाते हैं। ये आँकड़े विकास के अलग अलग पहलुओं के बीच के रिश्ते को दिखाते हैं।

The data given in this table shows some interesting aspects of development. These statistics show the relationship between different aspects of development.

🔹
प्रति व्यक्ति आय के मामले में पंजाब सबसे ऊपर है और बिहार सबसे नीचे।

In terms of per capita income, Punjab tops and Bihar is at the bottom.


🔹
शिशु मृत्यु दर के मामले में केरल की तुलना में पंजाब की स्थिति खराब है। इससे यह पता चलता है कि केरल में स्वास्थ्य सुविधाएँ पंजाब से बेहतर हैं।

The position of Punjab is worse than Kerala in terms of infant mortality rate. This shows that health facilities in Kerala are better than in Punjab.

🔹
केरल और पंजाब में अधिकांश बच्चे स्कूल भी जाते हैं। लेकिन बिहार के स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बहुत खराब है।

Most of the children in Kerala and Punjab also go to school. But the attendance of children in Bihar schools is very poor.

🔹
इन आँकड़ों से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि इन तीन राज्यों में केरल सबसे विकसित राज्य है और बिहार सबसे पिछड़ा राज्य।

From these figures it can be concluded that Kerala is the most developed state and Bihar the most backward among these three states.

 

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